गैंगस्टर्स आमतौर पर किसी खास गैंग से जुड़े होते हैं, जो हत्या, अपहरण और गैरकानूनी व्यापार जैसी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। हमारे देश में गैंगस्टर संस्कृति की शुरूआत पिछले दशक के उत्तरार्ध मेंं हुई थी। उसके बाद से लेकर अब तक तमाम गैंगस्टर्स हुए। हम यहां कुछ उन खतरनाक गैंगस्टर्स (Dangerous Gangsters Of India) का जिक्र करने जा रहे हैं, जिन्होंने जुर्म की काली दुनिया पर अपनी बादशाहत कायम की और लंबे समय तक राज किया।
1. दाऊद इब्राहीम: दाऊद इब्राहीम का नाम जुर्म का पर्यायवाची है। दाऊद का नाम भारत के सबसे बड़े और दुनिया के तीसरे सबसे खतरनाक गैगस्टर्स में शुमार है। दाऊद देश के सबसे बड़े क्राइम सिन्डिकेट डी कम्पनी का कर्ताधर्ता रहा है। उसे अपराध की दुनिया में गोल्ड मैन या भाई के नाम से जानते हैं। दाऊद इब्राहीम पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। आपको पता होगा कि वह 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों का मुख्य अभियुक्त है। यही नहीं, वर्ष 2008 में मुंबई पर हुए हमलों का संचालन और क्रियान्वयन भी उसने ही किया था। यही नहीं, दाऊद को अमेरिका ने भी अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया हुआ है।
3. छोटा राजन: छोटा राजन का जन्म मुंबई के चेम्बूर इलाके में स्थित तिलकनगर के एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। जुर्म की दुनिया में कदम रखने से पहले उसका नाम राजन निखलजे था। उसने काली दुनिया में अपनी शुरूआत 80 के दशक में स्थानीय शंकर सिनेमा हॉल में सिनेमा टिकट ब्लैक करने से शुरू की थी। इस दौरान उसे लोग नाना के नाम से जानने लगे। बाद में वह मुम्बई के डॉन राजन नायर उर्फ बड़ा राजन के लिए अापराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगा। समय बीतने के साथ वह दाऊद इब्राहीम के साथ हो गया। लेकिन मुंबई बम धमाकों के बाद अंडरवर्ल्ड धर्म के नाम पर बंट गया और वह दाऊद से वर्ष 1996 में अलग हो गया। अवैध वसूली, हत्या और तस्करी जैसे अलग-अलग मामलों में पुलिस उसे अब भी तलाश रही है।
4. टाइगर मेमन: टाइगर मेमन उर्फ इब्राहीम मुश्ताक अब्दुल रज्जाक नदीम मेमन। यह इस देश के खतरनाक आतंकवादियों में से एक है। कहा जाता है कि एक बार ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के दौरान उसने 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चलाई थी और पुलिस के चंगुल से निकल भागा था। इस घटना के बाद ही उसे टाइगर नाम दे दिया गया। वह मुंबई बम धमाकों का एक प्रमुख अभियुक्त है। फिल्म ब्लैक फ्राईडे में टाइगर मेमन के बारे में विस्तार से दिखाया गया है।
5. बड़ा राजन: राजन महादेव नायर उर्फ बड़ा राजन मुंबई के चेम्बूर इलाके से अपनी आपराधिक गतिविधियां चलाता था। महादेव अपने बचपन के दिनों में ही जुर्म की दुनिया में दाखिल हो गया था। कहा जाता है कि जब माटूंगा का तमिल डॉन वरदराजन मुदलियार ने मद्रास को अपना कार्यक्षेत्र बनाया, तब बड़ा राजन और उसके साथियों ने चेम्बूर की आपराधिक दुनिया को अपने इशारे पर नचाना शुरू किया। बाद में बड़ा राजन को छोटा राजन उर्फ राजन निखलजे का साथ मिला। बड़ा राजन दाऊद इब्राहीम का भी करीबी था। मलयालम फिल्म अभिमन्यू बड़ा राजन के जीवन पर आधारित है।
6. वरदराजन मुदलियार: वरदराजन मुदलियार को वरदभाई के नाम से भी जाना जाता था। उसका जन्म मद्रास में हुआ था। बाद में युवा वरदराजन मुंबई आ गया और वीटी स्टेशन पर कुली का काम करने लगा। जुर्म की दुनिया में उसने शुरूआत अवैध शराब सप्लाई से की थी। समय बीतने के साथ मुदलियार पूर्वी और उत्तर-मध्य मुंबई अपना सिक्का चलाने लगा। उन दिनों मुंबई पर मुदलियार, करीम लाला और हाजी मस्तान का राज था। वर्ष 1998 की 2 जनवरी को मुदलियार की मौत के बाद धारावी और माटूंगा में जिन्दगी जैसे थम सी गई थी।
7. हाजी मस्तान: मस्तान हैदर मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान न केवल एक फिल्म निर्माता था, बल्कि वह एक गैंगस्टर भी था। हाजी मस्तान ने तस्करी और अवैध वसूली से अरबों रुपए कमाए थे। लेकिन हाजी मस्तान ने किसी की हत्या नहीं की थी और न ही उसके लोगों ने किसी पर गोली चलाई थी। हाजी मस्तान ने 20 सालों तक मुंबई की आपराधिक दुनिया पर एकछत्र राज किया। उसका जन्म मद्रास में हुआ था, लेकिन 8 वर्ष की अवस्था में वह मुंबई आ गया था, जहां उसने क्राफर्ड मार्केट में साइकिल ठीक करने की दुकान में काम करने लगा। वन्स अपोन अ टाइम इन मुंबई हाजी मस्तान की जिन्दगी पर आधारित है।
8. छोटा शकील: शकील बाबूमियां शेख या छोटा शकील दाऊद इब्राहीम का करीबी आदमी है। इंडिया टुडे मैग्जीन को दिए साक्षात्कार में छोटा शकील ने स्वीकार किया था कि उसने बॉलीवुड की हिन्दी फिल्मों में अपना धन लगाया था। उसने मुंबई हमलों में अपनी लिप्तता की बात स्वीकार की थी। उसने यह भी स्वीकार किया था कि वह अवैध वसूली और तस्करी जैसे मामलों में छोटा राजन के साथ रहा है। हाल के दिनों में छोटा शकील ने ही भारतीय अधिकारियों को जानकारी दी थी कि दाऊद इब्राहीम आत्मसर्पण करना चाहता है।
9. करीम लाला : करीम लाला उर्फ अब्दुल करीम शेर खान ने मुंबई में अंडरवर्ड की स्थापना की थी। उसे मुंबई का डॉन भी कहा जाता है। करीम लाला का जन्म अफगानिस्तान के कुनार राज्य में हुआ था। पिछली सदी के उत्तरार्ध में मुंबई के अलग-अलग इलाकों पर तीन लोगों का राज था। वे थे- करीम लाला, हाजी मस्तान और वरदराजन मुदलियार। करीम लाला मुख्यतः सोने और ड्रग्स की तस्करी से जुड़ा हुआ था। वर्ष 2001 की 19 फरबरी को 90 वर्ष की आयु में करीब लाला का देहान्त हो गया।
10. अली बुदेश: अली बुदेश भले ही एक भारतीय डॉन है, लेकिन यह बहरीन से अपनी गतिविधियां चलाता है। बुदेश की मां भारतीय है, जबकि पिता अरबी। अली बुदेश ने एक पॉकेमार के तौर पर मुंबई की आपराधिक दुनिया में अपना कदम रखा था। धीरे-धीरे वह दाऊद इब्राहीम के करीब आया और उसके लिए काम करने लगा। उसने भारत से लेकर पाकिस्तान तक एक नेटवर्क तैयार करने में दाऊद की मदद की थी। हालांकि बाद में वह दाऊद से अलग हो गया और पाकिस्तान में उसके करीबियों के साथ काम करने लगा। वह अली ही था, जिसने राकेश रोशन, मुकेश भट्ट और बोनी कपूर को धमकियों भरे टेलीफोन कॉल्स किए थे। माना जाता है कि उसने मुंबई के व्यवसायियों और फिल्मी बैकग्राउन्ड वाले लोगों से अवैध वसूली की थी।
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