जानिए कैकेयी ने 14 वर्ष वनवास ही क्यों माँगा, राम के लिए

कैकेयी कैकेय देश के राजा अश्वपति की पुत्री थीं। कैकेयी के 2 वर ने ही रामायण की कहानी को महत्वपूर्ण दिशा दी। कैकेयी ने जब राजा दशरथ से राम के लिए 14 वर्ष का वनवास माँगा तो इसके पीछे 3 मुख्य कारण बताये जाते हैं। 

1) पहला कारण – राजकीय नियम 

ये एक प्रशासनिक कारण था। Ramayana की कहानी त्रेतायुग के समय की है। 

उस समय यह नियम था कि अगर कोई राजा 14 वर्ष के लिए अपना सिंहासन छोड़ देता है तो वह राजा बनने का अधिकार खो देता है। यह नियम वाल्मीकि रामायण के अयोध्याखंड में लिखित है। 

कैकेयी यह बात जानती थी अतः उसने ठीक 14 वर्ष का वनवास ही माँगा। यह अलग बात है कि बाद में भरत ने सिंहासन पर बैठने से मना कर दिया और वनवास समाप्त करने के बाद राम ही सिंहासन पर बैठे। 


इसी प्रकार द्वापरयुग युग में यह नियम था कि अगर कोई राजा 13 साल के लिए अपना राजकाज छोड़ देता है तो उसका शासन अधिकार खत्म हो जाता है। इसी नियम की वजह से दुर्योधन ने पांडवों के लिए 12 वर्ष वनवास और 1 वर्ष अज्ञातवास की बात रखी। 

Kaikeyi ki kahani
कैकेयी और दशरथ

अब बात करते हैं कलियुग यानि आज के समय की। 

क्या आप जानते हैं कि अगर आप अपनी किसी Property के लिए 12 साल की अवधि तक अधिकार का कोई क्लेम नहीं करते हैं तो वह प्रॉपर्टी आपके अधिकार से चली जाती है। 

यह बात The limitation act 1963 संवैधानिक संशोधन (Constitutional Amendment) में कही गयी है। 

इस एक्ट के अनुसार प्राइवेट प्रॉपर्टी पर 12 साल और सरकारी प्रॉपर्टी पर 30 साल की अवधि के अंदर अपने अधिकार का क्लेम करना जरूरी है। इसके सत्यता की पुष्टि आप किसी भी क़ानूनी सलाहकार, वकील से कर सकते हैं। 

2) दूसरा कारण – व्यवहार परिवर्तन 

14 वर्ष वनवास मांगने का कारण उस समय की ये मान्यता थी कि 14 वर्ष तक एक सा जीवनकाल जीने से आदमी का चरित्र और स्वाभाव परवर्तित हो जाता है। वाल्मीकि रामायण का एक श्लोक है :

नव प़ञ्च च वर्षाणि दण्डकारण्यमाश्रितः।।२.11.२६।।
चीराजिनजटाधारी रामो भवतु तापसः।

इसका अर्थ है दण्डक वन में 14 वर्ष तक पेड़ की छाल, जानवरों की खाल पहनने और बालों को जटा-जूट बनाकर जीवन जीते हुए राम अपना पूरा जीवन तपस्वियों जैसा ही जीने लगेगा। 

कैकेयी और मंथरा ने यही सोच-विचारकर राम के लिए 14 वर्ष का वनवास माँगा क्योंकि इससे भरत का सिंहासन सदा के लिए सुरक्षित हो जायगा। 


3) तीसरा कारण – राजा दशरथ से बदला 

राम को अयोध्या का राजा बनाने का निर्णय राजा दशरथ और मुनि वसिष्ठ ने विचार-विमर्श से लिया था। ऐसा कहा जाता है कि यह बात कैकेयी को 14 दिन बाद पता चली। 

कैकेयी दशरथ की प्रिय पत्नी थी लेकिन उन्हें ये बात मंथरा से मालूम चली। इसी बात का बदला लेने के लिए कैकेयी ने उन 14 दिन को हर दिन एक वर्ष मानकर 14 साल का वनवास राम के लिए माँगा। 

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