हर धर्म में होती है अलग-अलग रिवाजों से शादियाँ:

शादी के समय भी सभी धर्म में अलग-अलग रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। हिन्दू धर्म में अलग तरह से शादी होती है तो वही मुस्लिम धर्म में भी अलग तरह से शादी होती है। केवल यही नहीं भारत के अलग-अलग राज्यों में एक ही धर्म के लोग भी अलग-अलग तरह से शादियाँ करते हैं। मुस्लिम धर्म में जहाँ महिलाएँ शादी के बाद सिंदूर और मंगलसूत्र नहीं पहनती हैं, वहीँ हिन्दू धर्म में यह सुहाग की निशानी के तौर पर जाना जाता है।
मंगलसूत्र धारण करनें से होता है सेहत सम्बन्धी फायदा:

हिन्दू धर्म में उन्ही महिलाओं को शादी-शुदा माना जाता है, जिनके माथे पर सिंदूर और गले में मंगलसूत्र होता है। हिन्दू धर्म की सभी महिलाओं को शादी के बाद आपने मंगलसूत्र और सिंदूर पहनते देखा होगा। लेकिन आपने ये कभी विचार किया है कि महिलाएँ ऐसा क्यों करती हैं और इससे क्या फायदा होता है? आज हम आपको मंगलसूत्र पहननें से होनें वाले सेहत सम्बन्धी फायदों के बारे में बतानें जा रहे हैं, जो यक़ीनन आप इससे पहले नहीं जानते होंगे।
मंगलसूत्र पहननें से होनें वाले फायदे:

मंगलसूत्र पहननें से महिलाओं के अन्दर सकरात्मक उर्जा का संचार होता है। जिससे वह सकारत्मक विचार रखती हैं, जो उन्हें जीवन में आगे बढनें की प्रेरणा देता है, मंगलसूत्र काले मोतियों और सोनें से मिलकर बनाया जाता है। अगर विशेषज्ञों की मानें तो ये दोनों ही चीजें महिलाओं की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
महिलाएँ जो मंगलसूत्र धारण करती हैं, उनके, मोतियों से जो हवा गुजरकर उन्हें लगती है, उससे उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे उनकी रोगों से लडनें की क्षमता में वृद्धि होती है, आयुर्वेद भी इस बात को स्वीकार करता है कि सोना धारण करना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा होता है। जो महिलाएँ मंगलसूत्र के रूप गले में सोना धारण करती हैं उनका हृदय और छाती मजबूत रहता है।
यह भी माना जाता है कि मंगलसूत्र धारण करनें से पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता और मजबूती आती है, दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा. पसंद आने पर लाइक और शेयर करना न भूलें