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अपने बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए उन्हें सिखाएं ये 8 बातें


हाल ही में बीते ज़माने की अभिनेत्री डेज़ी ईरानी ने बचपन में अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में चौंकाने वाली बात कही। उनके साथ 6 साल की उम्र में यौन शोषण हुआ और इस बारे में बताने में उन्हें 60 साल लग गए। दरअसल, इस मुद्दे पर हमारे समाज में बच्चों से खुलकर बात नहीं की जाती। इसलिए ऐसी कोई घटना होने पर बच्चे डर जाते हैं और किसी से उस घटना को शेयर नहीं करतें, लेकिन आप यदि अपने बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं तो झिझक छोड़कर उन्हें सेक्सुअल एब्यूज़ (यौन शोषण) से बचाने के लिए इस मुद्दे पर खुलकर बात करें। उन्हें सिखाएं कि कैसे वो खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

 

आजकल जिस तरह से बच्चों के खिलाफ यौन अपराध बढ़ रहे हैं, बहुत ज़रूरी हो गया है कि आप अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सेक्सुअल एब्यूज़ से बचाने के लिए बच्चों को ये सारी बातें समझाएं।

 

1. बच्चों को उनके शारीरिक अंगों के बारे में बताएं

हम सभी बच्चों को उनके शारीरिक अंग जैसे हाथ, पैर, नाक, कान, सिर आदि के बारे में बताते हैं, लेकिन प्राइवेट पार्ट के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताते, लेकिन अब से ऐसा न करें। बच्चों को उनके प्राइवेट पार्ट्स के नाम बताएं। उन्हें प्राइवेट पार्ट के बारे में भी उतने ही सहज तरीके से बताएं जैसे अन्य शारीरिक अंगों के बारे में बताते हैं। ऐसा करने पर यदि कोई उनके प्राइवेट पार्ट्स को गलत तरीके से छूता है तो वो आपको तुरंत बता देंगे।


 

 

2. अपनी सीमा के बारे में बताएं

 

बच्चों को समझाएं कि कोई भी उनके प्राइवेट पार्ट्स को छू नहीं सकता, साथ ही उन्हें भी कभी किसी के प्राइवेट पार्ट को छूना नहीं चाहिए। इस मुद्दे पर बच्चों से बात करना थोड़ा मुश्किल ज़रूर है, मगर ये उनकी सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।

 

3. कोई सीक्रेट नहीं होता

 

“यदि तुम किसी को भी इस बारे में बताओगे तो सब तुम्हें ही डाटेंगे”, “अगर तुम अपने मम्मी-पापा से कहोगे तो वो तुम्हें प्यार नहीं करेंगे” या “तुम ये बात अगर किसी से कहोगे तो मैं तुम्हारे साथ नहीं खेलूंगा”, बच्चों का शोषण करने वाले अक्सर इस तरह की बातें करके बच्चों को डरा देते हैं ताकि बच्चा शोषण की बात किसी को न बताएं। इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे को ये समझाएं कि मम्मी-पापा से कोई बात सीक्रेट न रखें। उनसे हर बात शेयर करनी चाहिए चाहे वो कैसी भी बात हो और चाहे जो हो जाए मम्मी-पापा उन्हें हमेशा प्यार करेंगे।

 

 

4. गुड और बैड टच

 

बच्चों को ये सिखाना भी ज़रूरी है कि कौन उन्हें अच्छी तरह यानी प्यार से छूता है और कौन गलच तरीके से। बच्चों को सिखाएं कि जब कोई उनके सिर पर हाथ रखें या सहलाए जैसे पापा-मम्मी करते हैं और उन्हें अच्छा महसूस होता है तो वो गुड टच है। लेकिन जब कोई उन्हें ऐसे छुए की उन्हें अच्छा न लगे और वो असहज महसूस करने लगे या कोई उनके प्राइवेट पार्ट को टच करने की कोशिश करे तो ये बैड टच होता है और ऐसे में उन्हें तुरंत चिल्लाकर विरोध करना चाहिए।

 

5. सुरक्षित लोग

 

बच्चों को अपने घर के लोग और रिश्तेदारों के बारे में बताएं, जिनपर वो भरोसा कर सकते हैं। हालांकि, कई बार शोषण करने वाले रिश्तेदार भी हो सकते हैं, लेकिन ये बात तो आपको समझानी होगी। कम से कम बच्चे को किसी बाहरी शख्स के साथ न जाने की सलाह तो आप दे ही सकते हैं। अपने पहचान के लोगों से बच्चों को बचाने के लिए आपको बच्चों के साथ ही उसके आसपास रहने वाले लोगों की गतिविधियों पर भी नज़र रखनी होगी।

 

6. फोटो न खिचवाएं

 

बच्चों को ये समझाना भी बहुत ज़रूरी है कि यदि कोई उनके प्राइवेट पार्ट्स की फोटो खिंचना चाहे तो उसका विरोध करें। इस बारे में माता-पिता को तुरंत बताए कि कौन उनकी फोटो खींचना चाह रहा था।

 

 

 

7. कोड वर्ड

 

बच्चों को एक ऐसा कोड वर्ड सिखाएं, जिसके बारे में सिर्फ आप और आपका बच्चा ही जानता हो और उससे कहे कि जब किसी के साथ वो असहज या असुरक्षित महसूस करे तो वो कोड वर्ड बोले इससे आपको पता चल सकता है कि आपके बच्चे पर किसकी बुरी नज़र है।

 

 

 

8. सवालों के जवाब के लिए तैयार

 

जब आप बच्चों को उनके शारीरिक अंगों के बारे में बताएंगे तो ज़ाहिर है उसके बात उनके मन में कई तरह के सवाल भी आएंगे, ऐसे में सहज होकर बच्चों के सवालों के जवाब दें। इससे वो आप पर विश्वास करने लगेंगे और फिर हर बात आपसे शेयर करेंगे।

 

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