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भगवान श्रीकृष्ण की ये 10 बातें हमें सफलता का मंत्र सीखाती हैं

भगवान श्री कृष्ण सोलह कलाओं में निपुण थे और इसीलिए इन्हें लीलाधर भी कहा जाता है। इनका सम्पूर्ण जीवन ही सीखों से भरा हुआ है। फिर भी इन्होंने महाभारत युद्ध के दौरान ही अर्जुन को जो दिव्यज्ञान दिया वह आज भी प्रासंगिक है। इन्होंने जीवन से जुड़े जितने भी उपदेश दिए वे चिरकाल तक मार्ग प्रशस्त करेंगे।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

यहां श्रीकृष्ण से जुड़ी 10 बातों का उल्लेख है, जो आपके प्रबंधकीय गुण को बढ़ाते हैं।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

1. श्रीकृष्ण ने अपने सम्पूर्ण जीवन में लीलाएं की। उन्होंने अपने तरकीब से मार्ग प्रशस्त किए और बने-बनाए लीक से हटकर सोचा और किया। उन्होंने कभी अपनी भूमिका को लेकर डटे नहीं रहे। उन्हें जब जो अवसर मिला उसको किया। राजा होते हुए भी श्रीकृष्ण ने सारथी का कार्य तक किया।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

2. भगवान कृष्ण ने सत्य का साथ दिया और बुरे से बुरा वक्त में भी पांडवों के साथ खड़े रहे। दोस्त वही सच्चे होते हैं जो किसी भी परिस्थिति में आपका साथ निभाते हैं। ऐसे दोस्तों को आप अपने से जोड़कर रखें जो अनुकूल स्थिति में आपका साथ देंगे तो वहीं मुश्किल घड़ी में भी सही मार्ग दिखाए।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

3. श्रीकृष्ण ने अर्जुन को न केवल दिव्य ज्ञान दिए अपितु टूटने पर संभाला तो वहीं युद्ध नीति से लेकर सभी विद्याओं से परिचित कराया। सारथी की भूमिका में रहते हुए भी उन्होंने अपने ज्ञान और क्षमता को दबा कर नहीं रखा।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

4. बिना सही नीति के सफलता मिलना संभव नहीं है। श्रीकृष्ण ने युद्ध भूमि में सही रणनीति तैयार करने में पांडवों की मदद की। तभी कम सैन्य क्षमता होने के बावजूद युद्ध में सफलता हासिल की।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

5. श्रीकृष्ण ने गीताज्ञान देते हुए कहा था ‘क्यों व्यर्थ चिंता करते हो? किससे व्यर्थ में डरते हो?’ सदा प्रसन्न रहने में ये पंक्ति मददगार होती है।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

6. श्रीकृष्‍ण सदा दूरदर्शिता दिखाते हैं और अपने ज्ञान का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। युक्तियों को कब कहां उपयोग करना है, ये श्रीकृष्ण से बेहतर कौन जान सकता है।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

7. भगवान कहते हैं कि मनुष्य को भय से दूर रहना चाहिए। बेवजह हार के भय से अकर्मण्य बनने से अच्छा है, लक्ष्य की ओर बढ़ें। सफलता आपके क़दमों में होगी।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

8. श्रीकृष्ण ने कर्म करने पर जोर दिया है। कर्म का फल सदैव ही मीठा होता है। भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान में कर्म पर ध्यान देना चाहिए।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

9. भगवान श्रीकृष्ण ने मित्रता के निर्वाह की भी शिक्षा दी है। मित्रता के रास्ते में ओहदा नहीं आता है। दोस्ती मुक्त हृदय से निभाई जाती है।

Lord Shri Krishna (भगवान श्री कृष्ण)

10. इतना ही नहीं, श्रीकृष्ण ने ये भी सिखाया है कि जब सीधे रास्‍ते मंजिल मुश्किल लगे तो कूटनीति का इस्तेमाल भी करना चाहिए।

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